शनि दोष शांति समूह पूजा

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार भगवान शनि (शनि देव) कर्म, न्याय और अनुशासन के ग्रह माने जाते हैं।

जब शनि अनुकूल होते हैं, तो वे स्थिरता, सफलता और प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं, लेकिन जब वे पीड़ित होते हैं – जैसे साढ़े साती, शनि महादशा या कठिन गोचर में – तब जीवन में विलंब, तनाव और संघर्ष उत्पन्न होते हैं।

ऐसे समय में व्यक्ति अनुभव करता है –

  • मेहनत के बावजूद सफलता में देरी
  • आर्थिक तंगी या पैसों का ठहराव
  • करियर में अड़चनें या मानसिक दबाव
  • भय, नकारात्मकता और असंतोष
  • रिश्तों में तनाव और अस्थिरता

शनि दोष शांति पूजा इन सभी बाधाओं को कम करने और शनि देव की कठोर ऊर्जा को प्रगति, स्थिरता और शांति के आशीर्वाद में परिवर्तित करने के लिए की जाती है।

इस पूजा में शनि तेल अभिषेक और 11 हनुमान चालीसा पाठ सम्मिलित हैं, जो एक साथ मिलकर शनि के दुष्प्रभाव को शांत करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करते हैं।

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पूजा कैसे सहायक है

यह पूजा शनि देव के आशीर्वाद और हनुमानजी के संरक्षण का दिव्य संगम है।

दोनों मिलकर एक ऐसी आध्यात्मिक सुरक्षा कवच बनाते हैं जो नकारात्मकता को दूर कर जीवन में प्रगति लाती है।

  • तेल अभिषेक:- तिल के तेल का अभिषेक समर्पण और विनम्रता का प्रतीक है। यह शनि की कठोरता को शांत करता है और जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति और स्पष्टता लाता है।
  • 11 हनुमान चालीसा पाठ:- हनुमानजी की शक्ति और साहस को जगाता है। यह शनि दोष, साढ़े साती और शनि महादशा के दुष्प्रभावों को कम करता है।
  • फल:- मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता, करियर और व्यक्तिगत जीवन में सुधार, तथा आत्मविश्वास व धैर्य की प्राप्ति।

पूजा के लाभ

  • आर्थिक तनाव और करियर में विलंब से मुक्ति
  • शनि दोष, साढ़े साती और महादशा के प्रभाव से सुरक्षा
  • मन की शांति, आत्मविश्वास और एकाग्रता में वृद्धि
  • नकारात्मक ऊर्जा और भय से रक्षा
  • रिश्तों में स्थिरता और भावनात्मक संतुलन
  • शनि देव और हनुमानजी की कृपा से दीर्घकालिक प्रगति

पूजा की प्रक्रिया (2 घंटे की सामूहिक पूजा)

  • गणेश एवं मातृका पूजा:- प्रारंभ में गणपति व मातृ शक्तियों की पूजा से पवित्रता और विघ्नों की निवृत्ति।
  • कलश स्थापना:- दिव्य ऊर्जा का आमंत्रण।
  • शनि द्वादशोपचार पूजा व तेल अभिषेक:- तिल के तेल और काले तिल से शांति और कर्म मुक्ति के लिए पूजन।
  • 11 हनुमान चालीसा पाठ:- हनुमानजी के आशीर्वाद से सुरक्षा और साहस की प्राप्ति।
  • आरती एवं आशीर्वाद:- समापन में शांति, समृद्धि और प्रगति का आशीर्वाद।

रिव्यु

  1. पूजा त्रिवेदी

    शनि दोष शांति पूजा में शामिल होने के बाद से मन बहुत शांत हो गया है। काम में भी रुकावटें धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं।

  2. मोहन सिंह

    पहले हर काम अटक जाता था, पर पूजा के कुछ दिन बाद ही परिस्थितियाँ बदलने लगीं।

  3. दिव्या पांडे

    इस ग्रुप पूजा में एक अजीब सी सकारात्मक ऊर्जा थी। मन हल्का हो गया और घर का माहौल भी अच्छा हो गया।

  4. अमित चौधरी

    मैं बहुत तनाव में था, पर पूजा के बाद मन में शांति और आत्मबल बढ़ गया।

  5. संजना गुप्ता

    शनि दोष के कारण कई सालों से परेशान थी। इस पूजा के बाद से जीवन में नई उम्मीद जागी है।

  6. राजीव मेहता

    मुझे लगा यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है, लेकिन अनुभव बेहद शक्तिशाली था।

  7. कविता देशमुख

    शनि शांति पूजा ने मेरे करियर और मन दोनों को संतुलित किया। अब चीजें धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ रही हैं।

हालाँकि यह सामूहिक पूजा है, लेकिन हर सहभागी का नाम, गोत्र और उद्देश्य पंडितजी द्वारा व्यक्तिगत रूप से उच्चारित किया जाता है।

नहीं। आप Google Meet के माध्यम से पूजा में शामिल हो सकते हैं या केवल अपनी जानकारी साझा करें – पंडितजी आपकी ओर से पूजा करेंगे।

आपका नाम, गोत्र (वैकल्पिक) और पूजा का उद्देश्य – जैसे साढ़े साती से राहत, आर्थिक प्रगति या मानसिक शांति।

श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने पर अधिकांश भक्तों को 4 से 6 सप्ताह में शांति और स्थिरता का अनुभव होता है।
परिणाम आपकी भक्ति, कर्म और ग्रह स्थिति पर निर्भर करते हैं।
हर शनिवार नियमित रूप से यह पूजा करने से शनि की कठिन स्थितियों में भी राहत मिलती है।

हाँ, प्रत्येक शनिवार यह पूजा करने से आप शनि के प्रभाव से सुरक्षित रहते हैं और मानसिक संतुलन प्राप्त करते हैं।

हाँ, इस पूजा की सकारात्मक ऊर्जा पूरे परिवार तक पहुँचती है। इससे घर में शांति, सौहार्द और स्थिरता आती है।

शनिवार भगवान शनि का दिन है – नियमित भक्ति से उनका आशीर्वाद अनेक गुना बढ़ता है।
प्रत्येक शनिवार यह शनि दोष शांति पूजा करने से शनि के दुष्प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में स्थिरता, शांति और प्रगति आती है।