संक्षिप्त
रिपोर्ट
२०२५
देवदत्त
2012-01-01 14:51
nainital
सूची
सूची |
शीर्षक |
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1 | आपके प्रश्न का उत्तर |
2 | जीवन के क्षेत्र- विवरण |
A. नौकरी या व्यवसाय | |
B. धन-शिक्षा (18 और कम- शिक्षा) | |
C. स्वास्थ्य | |
D. प्रेम जीवन-वैवाहिक जीवन | |
3 | व्यक्तिगत उपाय |
4 | जन्म विवरण |
A. कुंडली विवरण | |
B. लग्न कुंडली | |
C. चंद्र कुंडली | |
D. नवमांश कुंडली | |
E. विमशोत्तरी महा दशा & अंतर दशा समय |
आपके प्रश्न का उत्तर
प्रिय देवदत्त, आपके प्रश्न के उत्तर में बताना चाहूँगी आपके कैरियर के संबंध में कोई महत्वपूर्ण बदलाव वर्ष 2025 में 1 अप्रैल से 11 अगस्त के मध्य दिखाई देता है। यदि इस समय में कोई अफसर आपको बदलाव का मिलता है तो आपको उसको स्वीकार कर लेना चाहिए वह भविष्य में आपके लिए लाभकारी रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से भी वर्ष 2025 आपके लिए लाभ की स्थिति में लाएगा जब अप्रैल में बृहस्पति की अंतर्दशा का प्रभाव होगा साथी गोचर में भी बृहस्पति आपकी राशि से, पांचवें स्थान पर आकर आर्थिक लाभ को बढ़ा देने की स्थिति में होंगे। जहां तक वैवाहिक जीवन का प्रश्न है- उसमें अवश्य समय-समय पर कुछ वैचारिक मतभेद रह सकते हैं खासतौर से 1 अप्रैल 2025 तक सावधानी रखनी होगी। वर्तमान में आप राहु महादशा राहु अंतर्दशा के प्रभाव में है जो कि 17 जुलाई 2025 तक रहेगी अतः लाभ के लिए आपको भगवान श्री शिव और विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए।
जीवन के क्षेत्र- विवरण
नौकरी
वर्ष 2025 करियर में उन्नति का होगा और पिछले समय की तुलना में अधिक अच्छी स्थिति होगी । आपको चाहिए कि किसी भी स्थिति में 1 अप्रैल 2025 तक जल्दबाजी में कदम न उठाएं। वर्तमान में आप राहु महादशा राहु अंतर्दशा के प्रभाव में है जो कि 17 जुलाई 2025 तक रहेगी अतः लाभ के लिए आपको भगवान श्री शिव और विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए। यद्यपि आपकी जन्म पत्रिका यह भी संकेत देती है कि जल्दबाजी आपके स्वभाव में नहीं है, और आप सही समय आने पर ही निर्णय लेने के पक्ष में हैं परंतु इस समय राहु की दशा का प्रभाव कुछ गलत कदम उठवा सकता है। आपकी जन्मपत्रिका के अष्टम भाव में स्थित शनि और राहु आपके व्यावसायिक क्षेत्र में बाधा पहुचते हैं अतः आपको अपने व्यावसायिक क्षेत्र में सुधार के लिए हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए।
वित्त
आर्थिक रूप से यह वर्ष अप्रैल 2025 तक थोड़ा आर्थिक तनाव वाला रह सकता है। उसके बाद आप अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद हैं। आपको चाहिए कि 23 अप्रैल 2025 तक धन से संबंधित कोई भी निर्णय न लें या विशेष रूप से किसी को भी पैसा उधर ना दें, अन्यथा वापस आने की संभावना कम दिखाई देती है। आपके दूसरे भाव में केतु की स्थिति संकेत देती है कि आप अपनी अपेक्षा, अन्य सदस्यों पर अधिक खर्च करते हैं, आपको धन जोड़ने की आदत डालनी होगी। भगवान शिव जी की उपासना इसमें भी लाभ देगी।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के संबंध में कुछ असुविधा हो सकती है, आप राहु महादशा की राहु अंतर्दशा के प्रभाव में हैं और राहु का राशि से पंचम गोचर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर कर सकता है । 23 अप्रैल 2025 तक आपको इसका विशेष ध्यान रखना होगा । किसी भी स्वास्थ्य समस्या के मामले में, आपको इसे विशेष रूप से भावनात्मक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ग्रह किसी भी गंभीर स्थिति का संकेत नहीं दे रहे है। आपको व्यायाम और भोजन के मामले में ध्यान रखना होगा । आपको 10 जुलाई से 2 सितंबर 2025 के बीच अपने भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
मैरिड लाइफ
इस वर्ष विशेष रूप से अक्टूबर तक व्यक्तिगत जीवन में कुछ वैचारिक मतभेद होने की संभावना है । आपकी जन्मपत्रिका में चंद्रमा की 7वें भाव में स्थिति तथा सप्तम भाव के स्वामी का राहु के नक्षत्र में होना हमेशा समय-समय पर विचारों में अंतर पैदा करता है। यह व्यक्तिगत जीवन में सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए अच्छा नहीं है। इस वर्ष विशेष रूप से अक्टूबर तक केतु की सप्तम बबहाव पर दृष्टि और राहु की दशा यह संकेत देती है कि इस वर्ष आपको व्यक्तिगत संबंधों को बहुत धैर्य से डील करना होगा। कुछ मौकों पर वैचारिक मतभेद के अलावा बेवजह स्पष्टीकरण भी देने पड़ सकते हैं। आपको और आपके साथी दोनों को ही समझना होगा कि रिश्तों का आधार विश्वास है।
व्यक्तिगत उपाय
प्राथमिक समाधान: आपके लिए सर्वाधिक आदर्श रत्न
रत्न की ऊर्जा
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि एक रत्न शक्तिहीन होता है, जब तक कि वह सही तरीके से सक्रिय न हो। इससे पहले कि आप इसे पहन सकें, रत्न को शुद्ध करने और सभी अशुद्धियों से मुक्त करने की आवश्यकता होती है।
लेकिन, आपको प्रक्रिया और अनुष्ठानों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि, हमने गणेशस्पीक्स.कॉम पर आपके लिए विशेष रूप से एक रत्न को शुद्ध करने, सक्रिय करने और आकर्षित बनाने के लिए एक पारंपरिक और प्रामाणिक विधि विकसित की है! यह हमारे गहन शोध तथा वेदों और संबंधित ज्योतिष शास्त्रों की समझ पर आधारित है।
इसलिए, आप जो रत्न मंगवाते हैं, वह पहनने के लिए तैयार होता है!
आपके लिए पूजा:
इसके अलावा हम आपको हमारे शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा सेवा का लाभ उठाने की भी सलाह देते हैं, जो इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए बहुत आवश्यक है।
परिचय
शनि - स्थिरता के साथ धैर्य और न्याय का ग्रह है, लेकिन क्रूर पुरुष ग्रह - राहु के साथ मिलकर शनि - राहु शापित दोष का निर्माण करता है, जिसे ज्योतिष में अत्यधिक प्रतिकूल योगों में से एक माना गया है। शनि ऐसा ग्रह होता है जो हमारी कड़ी मेहनत और प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है, जब कुंडली में शनि राहु के साथ होते हैं तो वे आपके प्रयासों का फल कभी नहीं देंगे और अपेक्षित परिणाम प्राप्त करना मुश्किल होगा। इतना ही नहीं इस अशुभ संयोग के कारण आपके शुभकार्य भी मंद हो जाएंगे। किसी भी कुंडली में शनि और राहु का संयोजन असंतोष और परेशानियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो आपके सुख और संतोष के लिए भी अच्छा नहीं है। शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा, दोष के बुरे प्रभावों को दूर करने का सबसे प्रभावी वैदिक तरीका है।
यह काम किस प्रकार करता है ?
शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा में कलश की पूजा और अन्य पांच महत्वपूर्ण देवताओं, अर्थात् गणेश, शिव, मातृका, नवग्रह, और प्रधान - देवता शामिल हैं। पूजा में शनि (23000 बार) और राहु (18000 बार) बीज मंत्र का जाप व पाठ शामिल है। फिर, होम (हवन) अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें घी, सीसम, जौ और भगवान शनि और राहु से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री के साथ शनि के 2300 मंत्रों और राहु के 1800 मंत्रों का पाठ करते हुए हवन किया जाएगा। यज्ञ व होम आपके चार्ट में शापित दोष के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त में की जाएगी यानी राहु या शनि के नक्षत्र में शनिवार या बुधवार के दिन। मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा, जो वैदिक अनुष्ठानों को शास्त्र के अनुसार पूरा करेगा।
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लाभ
- शापित दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करें
- पिछले जीवन के अभिशाप से सुरक्षा प्राप्त करें
- सामंजस्य बनाए रखें और पारिवारिक विवादों को रोकें
- पेशेवर जीवन में अपनी मेहनत के सकारात्मक परिणाम प्राप्त करें
- अपने रिश्ते को नष्ट होने के बचाएं और अपने प्रियजनों के साथ रिश्तों में समंजस्य बनाए रखें
- जीवन में बेचैनी और चिंता के मुद्दों पर काबू पाएं
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Birth Particulars | |
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Gender Male | Latitude 29N23 |
Birth Date 01 Jan 2012 | Longitude 79E27 |
Birth Day Tuesday | Lagna Gemini-5:0:4 |
Birth Time 09:30 hrs | Aynamsh 23:43:03 |
Birth Place Nainital | Moon Sign Sagittarius |
Country Nainital | Birth Nakshatra Purvashadha |
Timezone 0530 hrs | Nakshatra Pada 3 |
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang) | |
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Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others. | |
Birth Yog Shiv | Birth Vasya Chatushpad |
Birth Karan Vishti | Birth Yoni Vanar |
Birth Varga Mushak | Birth Gana Manushya |
Birth Varna Kshatriya | Birth Yunja Antya |
Birth Tatva Agni | Birth Nadi Madhya |
Ghaat Chakra | |
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Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work. | |
Month Shravana | Tithi Krishnasaptami |
Day Friday | Nakshatra Bharani |
Yog Vajra | Karan Taitil |
Prahar First | MaleMoon Pisces |
FemaleMoon Virgo |
Grah | Rashi-Ansh | Nakshatra-Pad | Ra Swa | Na Swa | Awastha |
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Lagna | Gemini- 5:0:4 | Mrugshirsh -4 | Mercury | Mars | Balya |
Sun | Aries- 03:09:47 | Ashwini -1 | Mars | Ketu | Balya |
Moon | Sagittarius- 20:19:17 | Purvashadha -3 | Jupiter | Venus | Vruddha |
Mars | Aquarius- 03:28:27 | Dhanistha -4 | Saturn | Mars | Balya |
Mercury | Aries- 21:55:47 | Bharani -3 | Mars | Venus | Vruddha |
Jupiter | Gemini- 11:03:27 | Aadra -2 | Mercury | Rahu | Kumar |
Venus | Aquarius- 17:36:47 | Satbhisha -4 | Saturn | Rahu | Yuva |
Saturn | Capricorn- 01:22:07 | Uttarashadha -2 | Saturn | Sun | Mruta |
Rahu | Capricorn- 19:05:27 | Shravan -3 | Saturn | Moon | Kumar |
Ketu | Cancer- 19:05:27 | Aashlesha -1 | Moon | Mercury | Kumar |
Harshal | Sagittarius- 15:51:57 | Purvashadha -1 | Jupiter | Venus | Yuva |
Neptune | Sagittarius- 20:51:57 | Purvashadha -3 | Jupiter | Venus | Vruddha |
Pluto | Libra- 23:13:47 | Vishakha -1 | Venus | Jupiter | Vruddha |
Moon Chart
Navamsha
Venus (20y) Age -10
- Antar
- Begining
- Ending
Venus | 02 Nov 1979 | 01 Mar 1983 |
Sun | 01 Mar 1983 | 29 Feb 1984 |
Moon | 29 Feb 1984 | 29 Oct 1985 |
Mars | 29 Oct 1985 | 29 Dec 1986 |
Rahu | 29 Dec 1986 | 27 Dec 1989 |
Jupiter | 27 Dec 1989 | 25 Aug 1992 |
Saturn | 25 Aug 1992 | 24 Oct 1995 |
Mercury | 24 Oct 1995 | 22 Aug 1998 |
Ketu | 22 Aug 1998 | 22 Oct 1999 |
Sun (6y) Age 9
- Antar
- Begining
- Ending
Sun | 22 Oct 1999 | 09 Feb 2000 |
Moon | 09 Feb 2000 | 10 Aug 2000 |
Mars | 10 Aug 2000 | 16 Dec 2000 |
Rahu | 16 Dec 2000 | 09 Nov 2001 |
Jupiter | 09 Nov 2001 | 28 Aug 2002 |
Saturn | 28 Aug 2002 | 10 Aug 2003 |
Mercury | 10 Aug 2003 | 15 Jun 2004 |
Ketu | 15 Jun 2004 | 21 Oct 2004 |
Venus | 21 Oct 2004 | 21 Oct 2005 |
Moon (10y) Age 15
- Antar
- Begining
- Ending
Moon | 21 Oct 2005 | 21 Aug 2006 |
Mars | 21 Aug 2006 | 22 Mar 2007 |
Rahu | 22 Mar 2007 | 19 Sep 2008 |
Jupiter | 19 Sep 2008 | 18 Jan 2010 |
Saturn | 18 Jan 2010 | 19 Aug 2011 |
Mercury | 19 Aug 2011 | 17 Jan 2013 |
Ketu | 17 Jan 2013 | 18 Aug 2013 |
Venus | 18 Aug 2013 | 18 Apr 2015 |
Sun | 18 Apr 2015 | 18 Oct 2015 |
Mars (7y) Age 25
- Antar
- Begining
- Ending
Mars | 18 Oct 2015 | 15 Mar 2016 |
Rahu | 15 Mar 2016 | 02 Apr 2017 |
Jupiter | 02 Apr 2017 | 09 Mar 2018 |
Saturn | 09 Mar 2018 | 17 Apr 2019 |
Mercury | 17 Apr 2019 | 13 Apr 2020 |
Ketu | 13 Apr 2020 | 09 Sep 2020 |
Venus | 09 Sep 2020 | 09 Nov 2021 |
Sun | 09 Nov 2021 | 17 Mar 2022 |
Moon | 17 Mar 2022 | 16 Oct 2022 |
Rahu (18y) Age 32
- Antar
- Begining
- Ending
Rahu | 16 Oct 2022 | 26 Jun 2025 |
Jupiter | 26 Jun 2025 | 18 Nov 2027 |
Saturn | 18 Nov 2027 | 22 Sep 2030 |
Mercury | 22 Sep 2030 | 09 Apr 2033 |
Ketu | 09 Apr 2033 | 27 Apr 2034 |
Venus | 27 Apr 2034 | 25 Apr 2037 |
Sun | 25 Apr 2037 | 19 Mar 2038 |
Moon | 19 Mar 2038 | 17 Sep 2039 |
Mars | 17 Sep 2039 | 04 Oct 2040 |
Jupiter (16y) Age 50
- Antar
- Begining
- Ending
Jupiter | 04 Oct 2040 | 21 Nov 2042 |
Saturn | 21 Nov 2042 | 02 Jun 2045 |
Mercury | 02 Jun 2045 | 07 Sep 2047 |
Ketu | 07 Sep 2047 | 13 Aug 2048 |
Venus | 13 Aug 2048 | 12 Apr 2051 |
Sun | 12 Apr 2051 | 29 Jan 2052 |
Moon | 29 Jan 2052 | 29 May 2053 |
Mars | 29 May 2053 | 05 May 2054 |
Rahu | 05 May 2054 | 26 Sep 2056 |
Saturn (19y) Age 66
- Antar
- Begining
- Ending
Saturn | 26 Sep 2056 | 28 Sep 2059 |
Mercury | 28 Sep 2059 | 05 Jun 2062 |
Ketu | 05 Jun 2062 | 14 Jul 2063 |
Venus | 14 Jul 2063 | 11 Sep 2066 |
Sun | 11 Sep 2066 | 24 Aug 2067 |
Moon | 24 Aug 2067 | 24 Mar 2069 |
Mars | 24 Mar 2069 | 02 May 2070 |
Rahu | 02 May 2070 | 06 Mar 2073 |
Jupiter | 06 Mar 2073 | 16 Sep 2075 |
Mercury (17y) Age 85
- Antar
- Begining
- Ending
Mercury | 16 Sep 2075 | 10 Feb 2078 |
Ketu | 10 Feb 2078 | 07 Feb 2079 |
Venus | 07 Feb 2079 | 06 Dec 2081 |
Sun | 06 Dec 2081 | 12 Oct 2082 |
Moon | 12 Oct 2082 | 12 Mar 2084 |
Mars | 12 Mar 2084 | 09 Mar 2085 |
Rahu | 09 Mar 2085 | 25 Sep 2087 |
Jupiter | 25 Sep 2087 | 30 Dec 2089 |
Saturn | 30 Dec 2089 | 06 Sep 2092 |
Ketu (7y) Age 102
- Antar
- Begining
- Ending
Ketu | 06 Sep 2092 | 02 Feb 2093 |
Venus | 02 Feb 2093 | 04 Apr 2094 |
Sun | 04 Apr 2094 | 10 Aug 2094 |
Moon | 10 Aug 2094 | 11 Mar 2095 |
Mars | 11 Mar 2095 | 07 Aug 2095 |
Rahu | 07 Aug 2095 | 24 Aug 2096 |
Jupiter | 24 Aug 2096 | 31 Jul 2097 |
Saturn | 31 Jul 2097 | 08 Sep 2098 |
Mercury | 08 Sep 2098 | 05 Sep 2099 |