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विस्तृत
मासिक

रिपोर्ट

२०२५

देवदत्त

2012-01-01 12:20

Ludhiana,Ludhiana,Punjab,India

सूची
सूची शीर्षक
1 आपके प्रश्न का उत्तर
2 विस्तृत भविष्यवाणी
2.1 करियर & फाइनेंस
A. जनवरी’25 – दिसंबर’25
2.2 लव लाइफ - मैरिड लाइफ
A. जनवरी’25 – दिसंबर’25
2.3 स्वास्थ्य
3 व्यक्तिगत उपाय
4 जन्म विवरण
5 कुंडली विवरण
6 लग्न कुंडली
7 चंद्र कुंडली
8 नवमांश कुंडली
9 विमशोत्तरी महा दशा & अंतर दशा समय
आपके प्रश्न का उत्तर

प्रिय  देवदत्त,
आपके प्रश्न के उत्तर में बताना चाहूंगी कि आपके वैवाहिक जीवन में जो परेशानियां चल रही हैं वह बहुत हद तक 30 अप्रैल 2025 के बाद समाप्त हो जाएंगी। परंतु पूरी तरह से स्थिति में बदलाव वर्ष 2025 अगस्त के बाद आने की संभावना है। अतः आपको आशावान बने रहना चाहिए आपकी ग्रह स्थिति बताती है किं आप किसी भी विपरीत परिस्थिति में अधिक समय तक निराशा का भाव नहीं रह सकता। आप अपने दृष्टिकोण में बहुत व्यावहारिक हैं।कुदरत ने आपको अच्छे और बुरे में फर्क करने की समझ दी है, अतः आपको कुछ व्यावहारिक निर्णय लेने पड़ सकते हैं, आपको मानसिक रूप से स्वयं को तैयार कर लेना चाहिए।

आपकी जन्म पत्रिका में जो ग्रह स्थिति आपके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर रही है वह आपके सप्तम भाव के स्वामी शनि का नीच राशि में होना और उनके साथ द्वितीय भाव के स्वामी सूर्य की स्थिति। इसके अतिरिक्त आपके सप्तम भाव में अपनी उच्च राशि में मंगल और राहु स्थित हैं। मंगल आपके पंचम भाव के स्वामी हैं,जो कि प्रेम संबंधों और संतान का भाव है, वे सप्तम भाव में उच्च राशि में हैं इसका अर्थ यह भी है कि आप अपने जीवनसाथी से बेहद जुड़ाव व स्नेह रखती हैं, परंतु उनसे आप को अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिल पाता।

जबकि आपके पति की जन्मपत्रिका के सप्तम भाव के स्वामी बुध, छठे भाव में स्थित हैं, और इनके सप्तम भाव पर नीच राशि में स्थित शनि की दृष्टि है। इसके अतिरिक्त इन के विवाह के नैसर्गिक कारक शुक्र, यद्यपि अपनी उच्च राशि में हैं परंतु राहु के साथ स्तिथि वैवाहिक जीवन के लिए बहुत शुभ स्थिति नहीं कही जा सकती। यह स्थिति भी बताती है कि वैवाहिक जीवन में इनको भी समझौते करने पड़ेंगे, यदि इस बात के लिए तैयार रहते हैं तो ही वैवाहिक जीवन सौहार्दपूर्ण हो सकता है अन्यथा वैवाहिक जीवन में बाधाएं लगातार बनी रहेंगी।

इनकी ग्रह स्थिति इस बात का भी संकेत देती है कि अपने परिवार के अतिरिक्त अन्य लोगों के साथ अधिक समय बिताते हैं, जो कि वैवाहिक जीवन में बाधा का एक बड़ा कारण है। भगवान श्री शिव की उपासना और श्री गणेश जी की उपासना, करने से इनके स्वभाव में थोड़ा परिवर्तन आ सकता है।

आपको चाहिए कि आप अपने पिता या अपने ससुर जी या पिता तुल्य किसी भी व्यक्ति से इस विषय में चर्चा करके कुछ उचित समाधान निकालने का प्रयास करें। आपकी जन्म पत्रिका यह संकेत देती है कि आपको पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों से ही सहयोग इस संदर्भ में मिल पाएगा। इसके अतिरिक्त आपको अपने व्यक्तिगत जीवन में शांति तथा सौहार्द बनाए रखने के लिए भगवान श्री शिव और हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। जिससे परिस्थितियां कम से कम आप के नियंत्रण में आप आएं।

करियर & फाइनेंस

जनवरी


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

फरवरी


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

मार्च


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

अप्रैल


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

मई


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

जून


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

जुलाई


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

अगस्त


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

सितम्बर


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

अक्टूबर


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

नवम्बर


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

दिसम्बर


रिपोर्ट का यह भाग आपके ऊपर लागू नहीं होता क्योंकि आप कार्यरत नहीं हैं, और आपकी सहमति इसके लिए दी गयी है।

लव लाइफ - मैरिड लाइफ

जनवरी

वर्ष 2025 का यह माह समाप्त हो गया है ।

फरवरी

वैवाहिक संबंधों के लिए यह महीना अच्छा रहेगा। आप आपसी सामंजस्य महसूस करेंगे और महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करेंगे। इससे न सिर्फ मन को शांति मिलेगी बल्कि कई चीजों को संभालने की ताकत भी मिलेगी। जीवनसाथी का सहयोग चीजों को बेहतर बनाएगा। सुनिश्चित करें कि आप घर पर तनाव न लाएं। वाणी में विनम्र रहने का प्रयास करें।

मार्च

पिछली पर चल रही परिस्थितियों में कुछ बदलाव 12 मार्च 2025 के बाद दिखाई देगा और आप सकारात्मक परिणाम की अपेक्षा रख सकती हैं. इस समय प्रत्यंतर दशा शुक्र की जो कि आपके सुख के भाव के स्वामी हैं और अपनी उच्च राशि में स्थित है आपके जीवन में सुख और शांति को बढ़ाना चाहते हैं। दूसरी ओर बृहस्पति भी अब अब आपके चंद्रमा से सातवें स्थान पर आने की तैयारी में जो और अधिक सुधार लाएंगे ।

परंतु दूसरी ओर 12 मार्च से पहले का समय कुछ समझौता करने की मांग कर सकता है। आपके और आपके करीबी लोगों के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं। आपको आपसी बात-चीत करके विश्लेषण करके सुलझाने का प्रयास करें । यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि आप अपनी स्थिति और जिम्मेदारियों को भी समझें।

अप्रैल

आप अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ कुछ अच्छा समय बिताएंगी । बढ़ती समझ से आप संबंधों में सामंजस्य बनाए रखने में सफल रहेंगी। आपको भावनात्मक उतार-चढ़ाव का विशेष ध्यान देना होगा। आप किसी भी बात को आसानी से सह सकती हैँ परंतु जब आपके सब्र का बांध टूट जाता है तो आपको रोकना कठिन होता है, आपके सप्तम भाव में स्थित राहु, और चंद्रमा पर राहु का गोचर कई बार मन में बेवजह शक पैदा कर सकता है, अतः सावधानी रखें।

मई

यह एक अनुकूल महीना है। परिवार के सदस्यों से आपको जो सहयोग मिलेगा, उससे आप प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगी लेकिन वहीं दूसरी ओर 21 मई से 31 मई के बीच आप केतु के प्रत्यंतर दशा के प्रभाव में हैं, और केतु राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं जहां तक संभव हो सके आपको अपनी बातचीत में मिठास बनाए रखनी चाहिए। यद्यपि आपके स्वभाव का गुण है कि आप अपनी दिनचर्या को सदा ही analyze करती हैँ और जहाँ भी बदलाव की जरूरत हो आप सकारात्मक निर्णय ले लेती हैं।

जून

यह महीना पिछले महीने के तनाव से मुक्ति दिलाएगा। थोड़े से प्रयास से संबंधों में मधुरता बनी रह सकती है। यदि आपके जीवन साथी या परिवार का कोई सदस्य आक्रामकता दिखाता है, तो शांत स्वभाव के साथ चीजों को नजरअंदाज करने और संभालने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि आप दोनों के बीच सॉफ्ट कम्युनिकेशन होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि महीने के अंत तक आप अनावश्यक बहस में न पड़ें। आप दोनों एक दूसरे को नैतिक समर्थन देने का प्रयास करें।

जुलाई

हो सकता है कि जो कुछ चल रहा हो, उससे आप 8 से 19 जुलाई के मध्य संतुष्ट न हों। इससे अनावश्यक तनाव बढ़ेगा। इस समय जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेने चाहिएं। कुछ बातों पर मतभेद हो सकता है। आप कुछ बिंदुओं पर तनावग्रस्त हो सकती हैं,और कुछ क्षणों में अपने साथी के साथ कठोर भी, जब आप राहु के प्रत्यंतर दशा के प्रभाव में होंगी। कोशिश करें कि किसी भी बात पर तीखी प्रतिक्रिया देने से बचें। बृहस्पति आपके लिए अनुकूल हैँ कि बड़ी बात नहीं होगी परंतु कुछ दिन तनाव रह सकता है।

अगस्त

इस महीने19 से 24अगस्त का समय व्यक्तिगत संबंधों के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। आपके सप्तम भाव के स्वामी अपनी नीच राशि में स्थित हैं, यह स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए बहुत शुभ नहीं कही जा सकती, इस बात को आप को समझना होगा। आप अपने जीवन के अन्य क्षेत्रों में खुद को इस कदर व्यस्त पाएंगी कि आप अपने निजी संबंधों पर ध्यान ही नहीं दे पाएंगी।

सितम्बर

इस महीने आप चीजों को कुछ सुधार होता हुआ देखेंगी , और सौहार्द और सामंजस्य की कामना आप कर सकती हैं । वैवाहिक जीवन में शांति बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे, लेकिन सामंजस्य अवश्य बना रहेगा क्योंकि बृहस्पति आपके संबंधों को अच्छा बनाए रखने का काम करेंगे। स्थिति आपके पक्ष में होगी ,पुनः याद दिला दें कि शंकर भगवान की पूजा पाठ व्यक्तिगत जीवन में शांति बनाए रखने के लिए एक आवश्यकता है।

अक्टूबर

इस महीने कुछ भावनात्मक उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। संभव है कि आपको अपने साथी या परिवार के सदस्यों के साथ कुछ यात्राएं भी इस महीने करनी पड़ें। राशि से राहु का गोचर प्रभाव अब समाप्त होने वाला है और आप आबब अधिक सहयोग और सौहार्द की कामना कर सकती हैं। आपकी व्यक्तिगत खुशी और परिवार में प्रेम भाव बढ़ेगा।इस समय आप भाग्य के स्वामी बृहस्पति की दशा के प्रभाव में रहेंगी और वे आपकी रही से सप्तम भाव में होने से अधिक शुभ हो जाएंगे ।

नवम्बर

आपके लिए यह महीना अच्छा है। आप विशेष महसूस कर सकती हैं। समय बराबर अनुकूल है अनुकूल है।आप अपनी परिस्थितियों में बराबर सुधार होता हुए महसूस करेंगी, जो कि आपको तनाव से मुक्त करने में सहायक होगा । आप आपसी सामंजस्य महसूस करेंगी और महत्वपूर्ण मामलों पर आपस में चर्चा भी कर सकती हैं । इससे न सिर्फ मन को शांति मिलेगी बल्कि कई चीजों को संभालने की शक्ति और विश्वास भी बढ़ेगा। जीवनसाथी का सहयोग चीजों को बेहतर बनाएगा।

दिसम्बर


यह महीना भी आपके व्यक्तिगत जीवन के लिए अनुकूल है। जीवन के बाकी क्षेत्रों में अनुकूलता होते हुए भी आप व्यक्तिगत खुशी को कहीं बाहर तलाशने की कोशिश करेंगी। इस समय आप शनि की प्रत्यंतर दशा के प्रभाव में होंगी, जो कि सप्तम भाव के स्वामी यहीं और प नीच राशि में हैं। किसी भी परिस्थिति में मतभेद होने पर आपको चाहिए कि बैठकर आपसे बातचीत से, मुद्दे को हल करें।

स्वास्थ्य

आपका जन्म लग्न कर्क है और आपके लग्न के स्वामी चंद्रमा, दशम भाव में अपनी मित्र राशि में स्थित हैं । चंद्रमा का षड्बल 1.01 है जो कि शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अधिक अच्छा है। स्वास्थ्य के नैसर्गिक कारक सूर्य भी दशम भाव में अपनी उच्च राशि में स्थित हैं और अच्छा बल लिए हुए हैं। यह दोनों ही स्थिति इस बात का संकेत है कि शारीरिक स्वास्थ्य में केवल cough की समस्याओं और गैस्ट्रिक समस्याओं से बचने के लिए आपको लगातार उस पर काम करना होगा। इसके लिए आपको अपने खान-पान पर बहुत अधिक ध्यान देना होगा, समय पर खाने की आदत डालें और जहां तक संभव हो किसी भी एडिक्शन से बचने के प्रयास करें। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वर्ष 2025 आपके बहुत सामान्य कहा जा सकता है।

इस पूरे ही वर्ष लगभग आपकी राशि पर राहु का गोचर बेवजह तनाव बनाए रखेगा। आपकी जन्म पत्रिका में मन और भावनाओं के कारक चंद्रमा , नीच के शनि के साथ स्थित होकर कभी-कभी आपके मन में निराशा के भाव को जन्म दे देते हैं। इसके अतिरिक्त मंगल की दृष्टि इस बात का संकेत है कि आपको अपने ब्लड प्रेशर को निरंतर कंट्रोल में रखना चाहिए।जहां तक संभव हो बेवजह तनाव लेने से बचें और कुछ चीजों को नजरअंदाज करने की भी कोशिश करें, जिससे कि मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

अतः मानसिक स्वास्थ्य पर अवश्य अक्टूबर तक विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। राशि पर राहु का संचार आपको कभी-कभी बेचैनी का अनुभव करा सकता है। अतः आपको मानसिक स्वास्थ्य की ओर अधिक ध्यान देना होगा, इस वर्ष आपको भावनात्मक उतार-चढ़ाव झेलने पड़ सकते हैं, कोशिश करें कि योग अथवा मेडिटेशन से इन पर नियंत्रण करें।

व्यक्तिगत उपाय

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रत्न की ऊर्जा

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि एक रत्न शक्तिहीन होता है, जब तक कि वह सही तरीके से सक्रिय न हो। इससे पहले कि आप इसे पहन सकें, रत्न को शुद्ध करने और सभी अशुद्धियों से मुक्त करने की आवश्यकता होती है।

लेकिन, आपको प्रक्रिया और अनुष्ठानों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि, हमने गणेशस्पीक्स.कॉम पर आपके लिए विशेष रूप से एक रत्न को शुद्ध करने, सक्रिय करने और आकर्षित बनाने के लिए एक पारंपरिक और प्रामाणिक विधि विकसित की है! यह हमारे गहन शोध तथा वेदों और संबंधित ज्योतिष शास्त्रों की समझ पर आधारित है।

इसलिए, आप जो रत्न मंगवाते हैं, वह पहनने के लिए तैयार होता है!

आपके लिए पूजा:

मंगल राहु अंगारक दोष निवारण पूजा

इसके अलावा, हम आपको हमारे मंगल-राहु अंगारक दोष निवारण पूजा सेवा का लाभ उठाने की भी सलाह देते हैं, जो मंगल - राहु अंगारक दोष के प्रभाव को शांत करने के लिए आवश्यक है।

परिचय
उग्र ग्रह मंगल साहस, जीवन शक्ति, आक्रामकता से संबंधित है, जबकि राहु एक रहस्यमय ग्रह है, जो जीवन के अंधेरे क्षेत्रों और नकारात्मक ऊर्जाओं को महत्व देता है। इस संयोजन के कारण जब मंगल की शक्तिशाली और प्रचुर ऊर्जा राहु के नकारात्मक प्रभाव में आती है, तो इसके परिणामस्वरूप एक हिंसक स्वभाव, तर्कशील प्रकृति, लोगों के साथ मतभेद और अत्यधिक आक्रामकता पैदा होती है। आप चीजों के साथ शांति से नहीं रह सकते हैं और यहां तक कि अगर आप बहुत कठिनाई के बाद भी ऐसा करने का मैनेज करते हैं, तो आपके आसपास कुछ घटना ऐसी घट जाती है, जो आपको बेहद उत्तेजित कर सकती है। इसके अलावा मंगल के सकारात्मक प्रभाव भी राहु के संयोजन के कारण विपरीत असर देने का काम करेंगे।

यह काम किस प्रकार करता है ?
मंगल राहु अंगारक दोष निवारण पूजा में कलश की पूजा और अन्य पांच महत्वपूर्ण देवताओं, अर्थात् गणेश, शिव, मातृका, नवग्रह, और प्रधान - देवता शामिल हैं। पूजा में मंगल (10,000 बार) और राहु (18,000 बार) बीज मंत्र का जाप व पाठ शामिल है। फिर होम (हवन) का अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें घी, सीसम, जौ और भगवान मंगल और राहु से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री को अग्नि को अर्पित किया जाएगा, जबकि मंगल के 1,000 मंत्रों और राहु के 1,800 मंत्रों का पाठ किया जाएगा। यज्ञ व होम आपके चार्ट में अंगारक दोष के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त में की जाएगी यानी राहु या मंगल के नक्षत्र में और मंगलवार या बुधवार को। मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा जो वैदिक अनुष्ठान को शास्त्रानुसार पूरा करेंगे।

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लाभ

- अंगारक दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करे
- अपने गुस्से को प्रबंधित करें और शांत रहने में मदद करे
- असहयोगात्मक रवैये से दूर रहेंगे और पारिवारिक विवादों में पड़ने से बचाएगा
- अपने रिश्ते को नष्ट होने से बचाएं और प्रियजनों से अलग होने से बचाएगा
- मन की स्पष्टता प्राप्त करें और प्रभावी निर्णय लेने की सहायता करेगा
- अपने मानसिक ध्यान में सुधार करें।

With Ganesha’s Grace,
Your Personal Astrologer
आचार्या अन्वेषी

Devdutt
Birth Particulars
Gender Female Latitude 30N54
Birth Date 01 Jan 2012 Longitude 75E51
Birth Day Monday Lagna Cancer-17:1:17
Birth Time 12:20 hrs Aynamsh 23:27:12
Birth Place Ludhiana Moon Sign Aries
Country India Birth Nakshatra Krutika
Timezone 0530 hrs Nakshatra Pada 1
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang)
Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others.
Birth Yog Aayusyaman Birth Vasya Chatushpad
Birth Karan Balav Birth Yoni Mesh
Birth Varga Garud Birth Gana Rakshas
Birth Varna Kshatriya Birth Yunja Purva
Birth Tatva Agni Birth Nadi Antya
Ghaat Chakra
Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work.
Month Kartik Tithi Shukladwitiya
Day Sunday Nakshatra Magha
Yog Vishkumbh Karan Bav
Prahar First MaleMoon Aries
FemaleMoon Aries
Lagna Kundali
Lagna Kundali
Nirayan Grah
Grah Rashi-Ansh Nakshatra-Pad Ra Swa Na Swa Awastha
Lagna Cancer- 17:1:17 Aashlesha -1 Moon Mercury Yuva
Sun Ucchano Aries- 11:56:35 Ashwini -4 Mars Ketu Kumar
Moon Aries- 27:20:38 Krutika -1 Mars Sun Mruta
Mars Ucchano Capricorn- 02:31:54 Uttarashadha -2 Saturn Sun Mruta
Mercury Aries- 01:40:58-C Ashwini -1 Mars Ketu Balya
Jupiter Scorpio- 11:17:22 Anuradha -3 Mars Saturn Vruddha
Venus Ucchano Pisces- 09:42:18 Uttarabhadrapad -2 Jupiter Saturn Vruddha
Saturn Nicchano Aries- 29:45:47 Krutika -1 Mars Sun Mruta
Rahu Capricorn- 26:22:39 Dhanistha -1 Saturn Mars Balya
Ketu Cancer- 26:22:39 Aashlesha -3 Moon Mercury Balya
Harshal Virgo- 17:04:13 Hast -3 Mercury Moon Yuva
Neptune Scorpio- 08:57:30 Anuradha -2 Mars Saturn Vruddha
Pluto Virgo- 03:58:30 Uttarafalguni -3 Mercury Sun Mruta

Moon Chart

Moon Chart

Navamsha

Navamsha Chart
Ashtakavarga Kundli
Ashtakavarga Kundli
Vimshottari Mahadasha and Antardashas

Sun (6y) Age 0

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Sun 06 Jan 1971 26 Apr 1971
Moon 26 Apr 1971 26 Oct 1971
Mars 26 Oct 1971 02 Mar 1972
Rahu 02 Mar 1972 24 Jan 1973
Jupiter 24 Jan 1973 12 Nov 1973
Saturn 12 Nov 1973 25 Oct 1974
Mercury 25 Oct 1974 31 Aug 1975
Ketu 31 Aug 1975 06 Jan 1976
Venus 06 Jan 1976 05 Jan 1977

Moon (10y) Age 5

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Moon 05 Jan 1977 05 Nov 1977
Mars 05 Nov 1977 06 Jun 1978
Rahu 06 Jun 1978 05 Dec 1979
Jupiter 05 Dec 1979 04 Apr 1981
Saturn 04 Apr 1981 03 Nov 1982
Mercury 03 Nov 1982 03 Apr 1984
Ketu 03 Apr 1984 02 Nov 1984
Venus 02 Nov 1984 03 Jul 1986
Sun 03 Jul 1986 02 Jan 1987

Mars (7y) Age 15

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Mars 02 Jan 1987 31 May 1987
Rahu 31 May 1987 17 Jun 1988
Jupiter 17 Jun 1988 24 May 1989
Saturn 24 May 1989 02 Jul 1990
Mercury 02 Jul 1990 29 Jun 1991
Ketu 29 Jun 1991 25 Nov 1991
Venus 25 Nov 1991 24 Jan 1993
Sun 24 Jan 1993 01 Jun 1993
Moon 01 Jun 1993 31 Dec 1993

Rahu (18y) Age 22

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Rahu 31 Dec 1993 10 Sep 1996
Jupiter 10 Sep 1996 02 Feb 1999
Saturn 02 Feb 1999 07 Dec 2001
Mercury 07 Dec 2001 24 Jun 2004
Ketu 24 Jun 2004 12 Jul 2005
Venus 12 Jul 2005 10 Jul 2008
Sun 10 Jul 2008 03 Jun 2009
Moon 03 Jun 2009 02 Dec 2010
Mars 02 Dec 2010 20 Dec 2011

Jupiter (16y) Age 40

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Jupiter 20 Dec 2011 05 Feb 2014
Saturn 05 Feb 2014 17 Aug 2016
Mercury 17 Aug 2016 22 Nov 2018
Ketu 22 Nov 2018 29 Oct 2019
Venus 29 Oct 2019 27 Jun 2022
Sun 27 Jun 2022 15 Apr 2024
Moon 15 Apr 2024 13 Aug 2024
Mars 13 Aug 2024 20 Jul 2025
Rahu 20 Jul 2025 12 Dec 2027

Saturn (19y) Age 56

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Saturn 12 Dec 2027 13 Dec 2030
Mercury 13 Dec 2030 20 Aug 2033
Ketu 20 Aug 2033 28 Sep 2034
Venus 28 Sep 2034 26 Nov 2037
Sun 26 Nov 2037 08 Nov 2038
Moon 08 Nov 2038 08 Jun 2040
Mars 08 Jun 2040 17 Jul 2041
Rahu 17 Jul 2041 21 May 2044
Jupiter 21 May 2044 01 Dec 2046

Mercury (17y) Age 75

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Mercury 01 Dec 2046 27 Apr 2049
Ketu 27 Apr 2049 24 Apr 2050
Venus 24 Apr 2050 20 Feb 2053
Sun 20 Feb 2053 27 Dec 2053
Moon 27 Dec 2053 28 May 2055
Mars 28 May 2055 24 May 2056
Rahu 24 May 2056 10 Dec 2058
Jupiter 10 Dec 2058 16 Mar 2061
Saturn 16 Mar 2061 22 Nov 2063

Ketu (7y) Age 92

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Ketu 22 Nov 2063 19 Apr 2064
Venus 19 Apr 2064 19 Jun 2065
Sun 19 Jun 2065 25 Oct 2065
Moon 25 Oct 2065 26 May 2066
Mars 26 May 2066 22 Oct 2066
Rahu 22 Oct 2066 09 Nov 2067
Jupiter 09 Nov 2067 15 Oct 2068
Saturn 15 Oct 2068 23 Nov 2069
Mercury 23 Nov 2069 20 Nov 2070

Venus (20y) Age 99

  • Antar
  • Begining
  • Ending
Venus 20 Nov 2070 19 Mar 2074
Sun 19 Mar 2074 19 Mar 2075
Moon 19 Mar 2075 16 Nov 2076
Mars 16 Nov 2076 16 Jan 2078
Rahu 16 Jan 2078 14 Jan 2081
Jupiter 14 Jan 2081 13 Sep 2083
Saturn 13 Sep 2083 11 Nov 2086
Mercury 11 Nov 2086 09 Sep 2089
Ketu 09 Sep 2089 09 Nov 2090