JUPITER TRANSIT REPORT
Devdutt
2012-01-01 06:51
Surat,Surat,Gujarat,India
सूची
सूची | शीर्षक |
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1 | आपके प्रश्न का उत्तर |
2 | आपकी कुंडली में गुरु |
3 | ट्रांजिट का प्रभाव |
A. आपके प्रोफेशनल जीवन पर ट्रांजिट का प्रभाव | |
B. आपके निजी जीवन पर ट्रांजिट का प्रभाव | |
4 | व्यक्तिगत उपाय |
5 | जन्म विवरण |
A. कुंडली विवरण | |
B. लग्न कुंडली | |
C. चंद्र कुंडली | |
D. नवमांश कुंडली | |
E. विमशोत्तरी महा दशा & अंतर दशा समय |
आपका प्रश्न
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आपके प्रश्न का उत्तर
प्रिय देवदत्त जी, आपके प्रश्न के उत्तर में बताना चाहूंगी कि आपके फ्लैट को बेचने का और उनसे लाभ लेने का श्रेष्ठ समय 16 जून 2023 से 8 दिसंबर 2023 के बीच में है, जब आप एक अच्छे लाभ की अपेक्षा कर सकते हैं। बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए भूमि या भूमि से जुड़े क्षेत्र या मकान आदि से लाभ लेकर आने वाला है क्योंकि यह आपकी राशि से चतुर्थ भाव से गोचर कर रहे हैं तथा लगने से आठवें भाव में गोचर कर चतुर्थ भाव को प्रभावित कर रहे हैं। परंतु आपको भविष्य के लिए यह ध्यान रखना है कि जब भी कभी आप भूमि आदि में निवेश करें तो वह आपके निवास स्थान से या जन्म स्थान से कहीं अलग ही होना,आपके हित में रहेगा। आपके चतुर्थ भाव के स्वामी जोकि जमीन और मकान आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे बारहवें भाव में हैं, जो कि बाहर के शहरों से अधिक लाभ देने वाले हो सकते हैं। क्योंकि बृहस्पति के गोचर के साथ ही साथ आप शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में भी हैं, तो थोड़ा देरी से परिणाम मिल सकते हैं परंतु मिलेंगे सकारात्मक ही, अतः अपनी आशा को बनाए रखें। आपको लाभ के लिए भगवान श्री विष्णु और शनि देव की उपासना करनी चाहिए।
प्रस्तावना
भाग्य और वृद्धि के कारक ग्रह बृहस्पति 23 अप्रैल, 2023 को मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। गोचर का गुरु 2 मई, 2024 तक मेष राशि में रहेगा। इसलिए, बृहस्पति का यह गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
आपकी कुंडली में गुरु
Jupiter is the Lord of 4th house and 7th house in your chart. It is placed in the Leo sign in the 12th house. It indicates that you tend to harbour strong feelings of affection for your mother. Your maternal connections will be beneficial to you. You have good wisdom and judgement and will make substantial gains in careers connected to medicine or chemistry. You will likely engage in philanthropic activities and visit many religious places. As the Lord of the 7th House, Jupiter is in the 12th house, your spouse may belong to a distant place. You will have foreign travels. There may be difficulties in the partnership business. This is not a good placement for marriage / peaceful married life as a whole. Jupiter in Leo sign indicates that you love anything that tends to uplift society. You are a person who loves getting involved in group activities for the welfare of people. Doing something for society gives you that deep sense of joy and satisfaction. You are a person with a kind and loving heart. At times you can become cruel, sensual, egotistical, ostentatious, and abnormally fond of pleasure and subject to loss through speculation and gambling. You have to let go off these habits if you want a brighter future. You like leading rather than following. However, sometimes, you might tend to get authoritative and will be disliked by others. It's good to be a leader, but you shouldn't make others feel suffocated under your presence.
ट्रांजिट का प्रभाव
आपके प्रोफेशनल जीवन पर ट्रांजिट का प्रभाव
व्यावसायिक दृष्टिकोण से गुरु का यह संचार आपके लिए न केवल काम की बढ़ोतरी कर देने वाला रहेगा बल्कि यह आपके लाभ की मात्रा को भी बढ़ा देना चाहता है ।अतः आप ग्रहों के संकेतों को समझते हुए अपना निर्णय लें। कैरियर के दृष्टिकोण से बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए महत्वपूर्ण है यह राशि से चतुर्थ भाव से गोचर कर रहे हैं और राशि से दशम भाव को दृष्टि दे रहे हैं, जो कि आपके प्रभाव क्षेत्र में और आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति की संभावना को दर्शाते हैं। यद्यपि वे राहु के साथ रहेंगे, परंतु आप के पूर्व जन्म के कुछ कर्म अप्रत्याशित रूप से अब फलित होंगे और आपके लिए उन्नति की संभावना को प्रबल कर देंगे।
आपको 16 अप्रैल 2023 से लेकर 16 जून 2023 के मध्य अवश्य बहुत अधिक सावधान रहकर कार्य करना होगा, जब आप की प्रत्यंतर दशा राहु की रहेगी और आपकी जन्म पत्रिका में राहु सप्तम भाव में शनि के साथ स्थित हैं। इस अवधि में आपको किसी भी अन्य व्यक्ति पर आंख मूंद कर विश्वास करने से बचना चाहिए। अपने किए गए कार्यों को दूसरी बार चेक करना ना भूलें।
आपके निजी जीवन पर ट्रांजिट का प्रभाव
व्यक्तिगत दृष्टिकोण से भी यह आपके लिए सहयोग बढ़ाएगा ।राशि से चतुर्थ और लग्न से द्वितीय पर प्रभाव परिवार के सदस्यों से भी संबंधों में आपसी प्रेम भाव बढ़ाएंगे। इस गोचर में मातृ पक्ष के परिवार से अधिक सहयोग मिलेगा। आपकी जन्म पत्रिका में सप्तम भाव में राहु और शनिकी स्थिति तथा शनि की चतुर्थ पर दृष्टि समय-समय पर कभी-कभी वैचारिक मतभेद बना देती है। आपकी जन्मपत्रिका यह संकेत देती है कि कई बार आप दूसरों की बातों में जल्दी आ जाते हैं और अपने रिश्तों में विश्वास कम कर देते हैं, आपको अपने स्वभाव के इस पक्ष की ओर ध्यान देना चाहिए साथ ही आपको भगवान श्री शिव जी की उपासना सदैव करनी चाहिए।
व्यक्तिगत उपाय
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रत्न की ऊर्जा
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि एक रत्न शक्तिहीन होता है, जब तक कि वह सही तरीके से सक्रिय न हो। इससे पहले कि आप इसे पहन सकें, रत्न को शुद्ध करने और सभी अशुद्धियों से मुक्त करने की आवश्यकता होती है।
लेकिन, आपको प्रक्रिया और अनुष्ठानों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि, हमने गणेशस्पीक्स.कॉम पर आपके लिए विशेष रूप से एक रत्न को शुद्ध करने, सक्रिय करने और आकर्षित बनाने के लिए एक पारंपरिक और प्रामाणिक विधि विकसित की है! यह हमारे गहन शोध तथा वेदों और संबंधित ज्योतिष शास्त्रों की समझ पर आधारित है।
इसलिए, आप जो रत्न मंगवाते हैं, वह पहनने के लिए तैयार होता है!
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इसके अलावा हम आपको हमारे शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा सेवा का लाभ उठाने की भी सलाह देते हैं, जो इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए बहुत आवश्यक है।
परिचय
शनि - स्थिरता के साथ धैर्य और न्याय का ग्रह है, लेकिन क्रूर पुरुष ग्रह - राहु के साथ मिलकर शनि - राहु शापित दोष का निर्माण करता है, जिसे ज्योतिष में अत्यधिक प्रतिकूल योगों में से एक माना गया है। शनि ऐसा ग्रह होता है जो हमारी कड़ी मेहनत और प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है, जब कुंडली में शनि राहु के साथ होते हैं तो वे आपके प्रयासों का फल कभी नहीं देंगे और अपेक्षित परिणाम प्राप्त करना मुश्किल होगा। इतना ही नहीं इस अशुभ संयोग के कारण आपके शुभकार्य भी मंद हो जाएंगे। किसी भी कुंडली में शनि और राहु का संयोजन असंतोष और परेशानियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो आपके सुख और संतोष के लिए भी अच्छा नहीं है। शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा, दोष के बुरे प्रभावों को दूर करने का सबसे प्रभावी वैदिक तरीका है।
यह काम किस प्रकार करता है ?
शनि राहु शापित दोष निवारण पूजा में कलश की पूजा और अन्य पांच महत्वपूर्ण देवताओं, अर्थात् गणेश, शिव, मातृका, नवग्रह, और प्रधान - देवता शामिल हैं। पूजा में शनि (23000 बार) और राहु (18000 बार) बीज मंत्र का जाप व पाठ शामिल है। फिर, होम (हवन) अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें घी, सीसम, जौ और भगवान शनि और राहु से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री के साथ शनि के 2300 मंत्रों और राहु के 1800 मंत्रों का पाठ करते हुए हवन किया जाएगा। यज्ञ व होम आपके चार्ट में शापित दोष के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त में की जाएगी यानी राहु या शनि के नक्षत्र में शनिवार या बुधवार के दिन। मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा, जो वैदिक अनुष्ठानों को शास्त्र के अनुसार पूरा करेगा।
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लाभ
- शापित दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करें
- पिछले जीवन के अभिशाप से सुरक्षा प्राप्त करें
- सामंजस्य बनाए रखें और पारिवारिक विवादों को रोकें
- पेशेवर जीवन में अपनी मेहनत के सकारात्मक परिणाम प्राप्त करें
- अपने रिश्ते को नष्ट होने के बचाएं और अपने प्रियजनों के साथ रिश्तों में समंजस्य बनाए रखें
- जीवन में बेचैनी और चिंता के मुद्दों पर काबू पाएं
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With Ganesha’s Grace,
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आचार्या अन्वेषी
Birth Particulars | |
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Gender Male | Latitude 21N10 |
Birth Date 01 Jan 2012 | Longitude 72E48 |
Birth Day Wednesday | Lagna Virgo-19:30:51 |
Birth Time 06:51 hrs | Aynamsh 23:25:04 |
Birth Place Surat | Moon Sign Capricorn |
Country India | Birth Nakshatra Shravan |
Timezone 0530 hrs | Nakshatra Pada 4 |
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang) | |
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Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others. | |
Birth Yog Dhruti | Birth Vasya Kit |
Birth Karan Vishti | Birth Yoni Vanar |
Birth Varga Manjar | Birth Gana Dev |
Birth Varna Vaishya | Birth Yunja Antya |
Birth Tatva Bhumi | Birth Nadi Antya |
Ghaat Chakra | |
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Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work. | |
Month Vaishakha | Tithi Shuklaekadashi |
Day Tuesday | Nakshatra Rohini |
Yog Vaidhruti | Karan Shakuni |
Prahar Forth | MaleMoon Leo |
FemaleMoon Scorpio |
Grah | Rashi-Ansh | Nakshatra-Pad | Ra Swa | Na Swa | Awastha |
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Lagna | Virgo- 19:30:51 | Hast -3 | Mercury | Moon | Kumar |
Sun | Virgo- 15:29:18 | Hast -2 | Mercury | Moon | Yuva |
Moon | Capricorn- 22:02:16 | Shravan -4 | Saturn | Moon | Kumar |
Mars | Leo- 13:01:04 | Magha -4 | Sun | Ketu | Yuva |
Mercury | Libra- 07:43:16 | Swati -1 | Venus | Rahu | Kumar |
Jupiter | Leo- 27:55:36 | Uttarafalguni -1 | Sun | Sun | Mruta |
Venus | Libra- 13:09:02 | Swati -2 | Venus | Rahu | Yuva |
Saturn | Pisces- 29:42:39 | Revati -4 | Jupiter | Mercury | Balya |
Rahu | Pisces- 15:58:06 | Uttarabhadrapad -4 | Jupiter | Saturn | Yuva |
Ketu | Virgo- 15:58:06-C | Hast -2 | Mercury | Moon | Yuva |
Harshal | Virgo- 06:48:06 | Uttarafalguni -4 | Mercury | Sun | Vruddha |
Neptune | Scorpio- 01:12:59 | Vishakha -4 | Mars | Jupiter | Mruta |
Pluto | Leo- 29:51:02 | Uttarafalguni -1 | Sun | Sun | Mruta |
Moon Chart
Navamsha
Moon (10y) Age -9
- Antar
- Begining
- Ending
Moon | 01 Oct 1959 | 31 Jul 1960 |
Mars | 31 Jul 1960 | 01 Mar 1961 |
Rahu | 01 Mar 1961 | 30 Aug 1962 |
Jupiter | 30 Aug 1962 | 29 Dec 1963 |
Saturn | 29 Dec 1963 | 29 Jul 1965 |
Mercury | 29 Jul 1965 | 28 Dec 1966 |
Ketu | 28 Dec 1966 | 29 Jul 1967 |
Venus | 29 Jul 1967 | 28 Mar 1969 |
Sun | 28 Mar 1969 | 27 Sep 1969 |
Mars (7y) Age 0
- Antar
- Begining
- Ending
Mars | 27 Sep 1969 | 23 Feb 1970 |
Rahu | 23 Feb 1970 | 13 Mar 1971 |
Jupiter | 13 Mar 1971 | 17 Feb 1972 |
Saturn | 17 Feb 1972 | 27 Mar 1973 |
Mercury | 27 Mar 1973 | 24 Mar 1974 |
Ketu | 24 Mar 1974 | 20 Aug 1974 |
Venus | 20 Aug 1974 | 20 Oct 1975 |
Sun | 20 Oct 1975 | 25 Feb 1976 |
Moon | 25 Feb 1976 | 25 Sep 1976 |
Rahu (18y) Age 8
- Antar
- Begining
- Ending
Rahu | 25 Sep 1976 | 06 Jun 1979 |
Jupiter | 06 Jun 1979 | 28 Oct 1981 |
Saturn | 28 Oct 1981 | 01 Sep 1984 |
Mercury | 01 Sep 1984 | 20 Mar 1987 |
Ketu | 20 Mar 1987 | 06 Apr 1988 |
Venus | 06 Apr 1988 | 05 Apr 1991 |
Sun | 05 Apr 1991 | 27 Feb 1992 |
Moon | 27 Feb 1992 | 27 Aug 1993 |
Mars | 27 Aug 1993 | 14 Sep 1994 |
Jupiter (16y) Age 26
- Antar
- Begining
- Ending
Jupiter | 14 Sep 1994 | 31 Oct 1996 |
Saturn | 31 Oct 1996 | 13 May 1999 |
Mercury | 13 May 1999 | 17 Aug 2001 |
Ketu | 17 Aug 2001 | 24 Jul 2002 |
Venus | 24 Jul 2002 | 22 Mar 2005 |
Sun | 22 Mar 2005 | 08 Jan 2006 |
Moon | 08 Jan 2006 | 09 May 2007 |
Mars | 09 May 2007 | 14 Apr 2008 |
Rahu | 14 Apr 2008 | 06 Sep 2010 |
Saturn (19y) Age 42
- Antar
- Begining
- Ending
Saturn | 06 Sep 2010 | 07 Sep 2013 |
Mercury | 07 Sep 2013 | 15 May 2016 |
Ketu | 15 May 2016 | 23 Jun 2017 |
Venus | 23 Jun 2017 | 21 Aug 2020 |
Sun | 21 Aug 2020 | 03 Aug 2021 |
Moon | 03 Aug 2021 | 04 Mar 2023 |
Mars | 04 Mar 2023 | 11 Apr 2024 |
Rahu | 11 Apr 2024 | 14 Feb 2027 |
Jupiter | 14 Feb 2027 | 26 Aug 2029 |
Mercury (17y) Age 61
- Antar
- Begining
- Ending
Mercury | 26 Aug 2029 | 21 Jan 2032 |
Ketu | 21 Jan 2032 | 17 Jan 2033 |
Venus | 17 Jan 2033 | 16 Nov 2035 |
Sun | 16 Nov 2035 | 21 Sep 2036 |
Moon | 21 Sep 2036 | 20 Feb 2038 |
Mars | 20 Feb 2038 | 17 Feb 2039 |
Rahu | 17 Feb 2039 | 04 Sep 2041 |
Jupiter | 04 Sep 2041 | 10 Dec 2043 |
Saturn | 10 Dec 2043 | 17 Aug 2046 |
Ketu (7y) Age 78
- Antar
- Begining
- Ending
Ketu | 17 Aug 2046 | 13 Jan 2047 |
Venus | 13 Jan 2047 | 14 Mar 2048 |
Sun | 14 Mar 2048 | 20 Jul 2048 |
Moon | 20 Jul 2048 | 18 Feb 2049 |
Mars | 18 Feb 2049 | 17 Jul 2049 |
Rahu | 17 Jul 2049 | 04 Aug 2050 |
Jupiter | 04 Aug 2050 | 11 Jul 2051 |
Saturn | 11 Jul 2051 | 18 Aug 2052 |
Mercury | 18 Aug 2052 | 15 Aug 2053 |
Venus (20y) Age 85
- Antar
- Begining
- Ending
Venus | 15 Aug 2053 | 12 Dec 2056 |
Sun | 12 Dec 2056 | 12 Dec 2057 |
Moon | 12 Dec 2057 | 12 Aug 2059 |
Mars | 12 Aug 2059 | 11 Oct 2060 |
Rahu | 11 Oct 2060 | 10 Oct 2063 |
Jupiter | 10 Oct 2063 | 08 Jun 2066 |
Saturn | 08 Jun 2066 | 06 Aug 2069 |
Mercury | 06 Aug 2069 | 04 Jun 2072 |
Ketu | 04 Jun 2072 | 04 Aug 2073 |
Sun (6y) Age 105
- Antar
- Begining
- Ending
Sun | 04 Aug 2073 | 22 Nov 2073 |
Moon | 22 Nov 2073 | 24 May 2074 |
Mars | 24 May 2074 | 29 Sep 2074 |
Rahu | 29 Sep 2074 | 23 Aug 2075 |
Jupiter | 23 Aug 2075 | 10 Jun 2076 |
Saturn | 10 Jun 2076 | 23 May 2077 |
Mercury | 23 May 2077 | 29 Mar 2078 |
Ketu | 29 Mar 2078 | 04 Aug 2078 |
Venus | 04 Aug 2078 | 04 Aug 2079 |