Remedial Solution For Love
Devdutt
2012-01-01 22:45
Ahmedabad,Ahmadabad,Gujarat,India
Index
Index | Title |
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1 | Answer To Your Question |
2 | |
3 | |
4 | Personalized Remedial Solution |
5 | Birth Details & Charts |
A. Birth Particulars | |
B. Birth Chart | |
C. Moon Chart | |
D. Navamsha Chart | |
E. Vimshottari Mahadasha And Antardashas Table |
Answer To Your Question
प्रिय देवदत्त, आपके प्रश्न के उत्तर में यह बताना चाहूंगी कि आप दोनों के पैचअप की संभावना थोड़ी कम दिखाई देती है। एक क्षीण सी संभावना है कि अक्टूबर 2023 से दिसंबर 2023 के मध्य आपकी बातचीत पुनः आरंभ हो जाए। परंतु फिर भी आप दोनों को ही इस प्रेम संबंध को विवाह के बंधन में बांधने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और अच्छे मित्र बनकर रहना चाहिए।
आपकी जन्म पत्रिका में आपके प्रेम जीवन का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रह बृहस्पति चतुर्थ भाव में स्थित है जो कि उनकी स्थिति से बार-बार भाव है। आपके सप्तम भाव में शनि हैं जो इस बात का संकेत है कि आपका विवाह संभवतः अंतरजातीय होगा तथा आप दोनों के बीच उम्र का एक बड़ा अंतर होगा। दूसरी ओर वैभवी के पंचम भाव के स्वामी गुरु जो कि प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं वे वक्री हैं तथा वह केतु युत शनि से दृष्ट हैं ।
इसके अतिरिक्त जो सबसे बड़ी स्थिति आपके प्रेम जीवन को वर्तमान में प्रभावित कर रही है वह है आपके चंद्रमा पर राहु का गोचर जो कि आपके पंचम भाव जो कि प्रेम का भाव है और सप्तम भाव, जो कि विवाह का भाव है। तथा वैभवी के चंद्रमा पर केतु का गोचर आप दोनों के संबंधों में गलतफहमी पैदा किए हुए हैं।
यदि फिर भी आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो प्रेम जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए आपको भगवान श्री विष्णु की उपासना करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आपको भगवान श्री शिव की उपासना भी लाभदायक रहेगी।
प्रेम संबंध के उपचारात्मक समाधान
आपको प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप 11 बार और बृहस्पति वार को 21 बार करना चाहिए।
आपको प्रतिदिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप जाप 11 बार और सोमवार को 21 बार करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त आपको अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सूर्य का एक रत्न माणिक धारण करना चाहिए।
इसके अलावा चंद्र केतु ग्रहण दोष निवारण पूजा भी करा लेनी चाहिए क्योंकि चंद्रमा मन के कारक है और आपकी जन्म पत्रिका में द्वादश भाव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो कि वैवाहिक सुख का भाव है।
आपका व्यक्तित्व
आपका जन्म सिंह लग्न में हुआ है यह आपके व्यतित्व और चरित्र का प्रतिनिधित्व करता है । आपके रूप, स्वभाव, कार्य करने के तरीके, प्रेम, शत्रुता, आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें अग्नि की सी ऊर्जा का प्रभाव स्पष्ट है। आप शाही और आधिकारिक सभाव वाले हैं । आपके लिए किसी के लिए या उसके नीचे काम करना बहुत मुश्किल है। आपके पास रचनात्मक और आविष्कारशील दिमाग है। आप उदाहरण स्थापित करने में विश्वास करते हैं और यह आपके काम करने के तरीके में परिलक्षित होता है। जब आउटपुट की बात आती है तो आप उच्च मानक निर्धारित करते हैं। आपके लिए अधिकार और जिम्मेदारी एक साथ चलते हैं। आप उत्कृष्ट आयोजक हैं और कार्य करने की विस्तृत शैली में विश्वास करते हैं। आप विश्वास के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं कर सकते। स्थिरता आपके व्यक्तित्व की एक खास विशेषता है परंतु आप अपने ही वर्ग के कुछ ही लोगों के साथ घुलमिल जाते हैं अन्यथा आप खुद को सीमित रखते हैं। आपके शाही स्वभाव (रॉयल्टी) को अक्सर गर्व के रूप में गलत समझा जाता है।
आप किसी भी अच्छे काम की बहुत गर्मजोशी से सराहना करते हैं और अपनी उपलब्धियों के लिए उसी की अपेक्षा करते हैं। आप शायद ही कोई मौका चूकते हैं जहाँ आप अपने नेतृत्व गुणों को प्रदर्शित कर सकें। इसलिए, आप आमतौर पर कारीगरी और नेतृत्व में सक्रिय होते हैं, चाहे वह घर, कॉलेज, कार्यालय या देश में हो। आप साहसी हैं और आपकी वीरता काबिले तारीफ है। सिंह एक पुरुष चिन्ह है जो आपको मर्दाना हिम्मत प्रदान करता है। आप एक मजबूत आस्तिक हैं और आमतौर पर धर्म का बहुत गहराई से पालन और समझ करते हैं।
आपके व्यक्तित्व के नकारात्मक रंग आपके अधिकार और मान्यता की प्रबल इच्छा से जुड़े हैं। आप कभी-कभी दूसरों की जरूरतों और भावनाओं के बारे में चिंतित महसूस करने के लिए बहुत अधिक मांग और अहंकारी हो जाते हैं। प्रदर्शन और आपका दिखावा कभी-कभी आपके करीबी को भी परेशान कर देता है। आपका अहंकार कभी-कभी आपको सबसे नाजुक भावनाओं से वंचित कर देता है जो आपके प्रियजन आपके साथ साझा करना चाहते हैं। आपको यह समझने की जरूरत है कि हर किसी के पास आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने की क्षमता नहीं हो सकती है। कई बार आप बेहद जिद्दी भी हो सकते हैं। हैं। आप जो कुछ भी करते हैं उस पर आप अपनी मुहर चाहते हैं।
Personalized Remedial Solutions
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परिचय
चंद्रमा या चंद्र हमारी मानसिकता और भावनाओं को दर्शाता है। यह किसी इमोशनल अनुभवों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया, हमारी कल्पना, दूसरों की देखभाल और समर्थन करने की हमारी क्षमता और कौशल का पोषण करता है। जबकि केतु एक शैतानी ग्रह है जो चंद्रमा का प्राकृतिक दुश्मन भी है। जब ये दोनों ग्रह किसी भी घर में एक साथ होते हैं, तो यह चंद्रमा की ऊर्जा को नकारात्मक दिशा में परिवर्तित कर देता है और इसके परिणामस्वरूप यह भाव घर के महत्व को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। चन्द्र केतु ग्रह दोष निवारण पूजा दोषों के प्रभाव को कम करने का सबसे प्रभावी वैदिक तरीका है।
यह काम किस प्रकार करता है ?
चंद्र केतु ग्रह दोष निवारण पूजा में कलश और अन्य पांच महत्वपूर्ण देवताओं की पूजा शामिल है, जैसे गणेश, शिव, मातृका, नवग्रह, और प्रधान - देवता अर्थात् केतु और चंद्र। पूजा में चंद्र (11000 बार) और केतु (17000 बार) के बीज मंत्र का जाप पाठ किया जाता है। फिर होम (हवन) अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें घी, सीसम, जौ, और भगवान चंद्रमा और केतु से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री को अग्नि को अर्पित किया जाता है। इस दौरान चंद्र के 1100 मंत्रों और केतु के 1700 मंत्रों का पाठ किया जाएगा। यज्ञ होम आपकी कुंडली में ग्रहण दोष के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त में की जाएगी, जो केतु या चंद्रमा के नक्षत्र में या किसी सोमवार के दिन संपन्न होगी। मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा जो वैदिक अनुष्ठानों को शास्त्रानुसार पूरा करेंगे।
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लाभ
- ग्रह दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने की क्षमता
- केतु के प्रभाव को शांत करें और सकारात्मक सोच को बढ़ाएं
- अवसाद और विकृत सोच से छुटकारा पाएं
- व्यक्तिगत संबंध और विश्वास में सुधार
- डर पर काबू पाने और जीवन से नकारात्मकता को दूर करने में सहायक है।
- आपकी सकारात्मक सोच को बढ़ाता है और एक आशावादी दृष्टिकोण रखने में आपकी मदद करता है।
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With Ganesha’s Grace,
Your Personal Astrologer
आचार्या अन्वेषी
Birth Particulars | |
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Gender Male | Latitude 23N1 |
Birth Date 01 Jan 2012 | Longitude 72E35 |
Birth Day Tuesday | Lagna Leo-28:1:10 |
Birth Time 22:45 hrs | Aynamsh 23:47:00 |
Birth Place Ahmedabad | Moon Sign Aries |
Country India | Birth Nakshatra Bharani |
Timezone 0530 hrs | Nakshatra Pada 2 |
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang) | |
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Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others. | |
Birth Yog Sadhya | Birth Vasya Chatushpad |
Birth Karan Taitil | Birth Yoni Gaja |
Birth Varga Mrig | Birth Gana Manushya |
Birth Varna Kshatriya | Birth Yunja Purva |
Birth Tatva Agni | Birth Nadi Madhya |
Ghaat Chakra | |
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Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work. | |
Month Kartik | Tithi Shukladashmi |
Day Sunday | Nakshatra Magha |
Yog Vishkumbh | Karan Bav |
Prahar First | MaleMoon Aries |
FemaleMoon Aries |
Grah | Rashi-Ansh | Nakshatra-Pad | Ra Swa | Na Swa | Awastha |
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Lagna | Leo- 28:1:10 | Uttarafalguni -1 | Sun | Sun | Mruta |
Sun | Sagittarius- 26:12:50 | Purvashadha -4 | Jupiter | Venus | Mruta |
Moon | Aries- 18:40:35 | Bharani -2 | Mars | Venus | Vruddha |
Mars | Leo- 08:28:41 | Magha -3 | Sun | Ketu | Kumar |
Mercury | Capricorn- 12:10:07 | Shravan -1 | Saturn | Moon | Yuva |
Jupiter | Scorpio- 12:50:54 | Anuradha -3 | Mars | Saturn | Yuva |
Venus | Scorpio- 09:23:07 | Anuradha -2 | Mars | Saturn | Vruddha |
Saturn | Aquarius- 15:04:18 | Satbhisha -3 | Saturn | Rahu | Yuva |
Rahu | Libra- 17:29:09 | Swati -4 | Venus | Rahu | Yuva |
Ketu | Aries- 17:29:09 | Bharani -2 | Mars | Venus | Yuva |
Harshal | Capricorn- 02:15:09-C | Uttarashadha -2 | Saturn | Sun | Mruta |
Neptune | Sagittarius- 29:09:26-C | Uttarashadha -1 | Jupiter | Sun | Mruta |
Pluto | Scorpio- 06:02:26 | Anuradha -1 | Mars | Saturn | Vruddha |
Moon Chart
Navamsha
Venus (20y) Age -8
- Antar
- Begining
- Ending
Venus | 12 Jan 1987 | 11 May 1990 |
Sun | 11 May 1990 | 11 May 1991 |
Moon | 11 May 1991 | 08 Jan 1993 |
Mars | 08 Jan 1993 | 10 Mar 1994 |
Rahu | 10 Mar 1994 | 08 Mar 1997 |
Jupiter | 08 Mar 1997 | 05 Nov 1999 |
Saturn | 05 Nov 1999 | 03 Jan 2003 |
Mercury | 03 Jan 2003 | 01 Nov 2005 |
Ketu | 01 Nov 2005 | 01 Jan 2007 |
Sun (6y) Age 12
- Antar
- Begining
- Ending
Sun | 01 Jan 2007 | 21 Apr 2007 |
Moon | 21 Apr 2007 | 21 Oct 2007 |
Mars | 21 Oct 2007 | 26 Feb 2008 |
Rahu | 26 Feb 2008 | 19 Jan 2009 |
Jupiter | 19 Jan 2009 | 07 Nov 2009 |
Saturn | 07 Nov 2009 | 20 Oct 2010 |
Mercury | 20 Oct 2010 | 26 Aug 2011 |
Ketu | 26 Aug 2011 | 01 Jan 2012 |
Venus | 01 Jan 2012 | 31 Dec 2012 |
Moon (10y) Age 18
- Antar
- Begining
- Ending
Moon | 31 Dec 2012 | 31 Oct 2013 |
Mars | 31 Oct 2013 | 01 Jun 2014 |
Rahu | 01 Jun 2014 | 30 Nov 2015 |
Jupiter | 30 Nov 2015 | 30 Mar 2017 |
Saturn | 30 Mar 2017 | 29 Oct 2018 |
Mercury | 29 Oct 2018 | 29 Mar 2020 |
Ketu | 29 Mar 2020 | 28 Oct 2020 |
Venus | 28 Oct 2020 | 28 Jun 2022 |
Sun | 28 Jun 2022 | 28 Dec 2022 |
Mars (7y) Age 28
- Antar
- Begining
- Ending
Mars | 28 Dec 2022 | 26 May 2023 |
Rahu | 26 May 2023 | 12 Jun 2024 |
Jupiter | 12 Jun 2024 | 19 May 2025 |
Saturn | 19 May 2025 | 27 Jun 2026 |
Mercury | 27 Jun 2026 | 24 Jun 2027 |
Ketu | 24 Jun 2027 | 20 Nov 2027 |
Venus | 20 Nov 2027 | 19 Jan 2029 |
Sun | 19 Jan 2029 | 27 May 2029 |
Moon | 27 May 2029 | 26 Dec 2029 |
Rahu (18y) Age 35
- Antar
- Begining
- Ending
Rahu | 26 Dec 2029 | 05 Sep 2032 |
Jupiter | 05 Sep 2032 | 28 Jan 2035 |
Saturn | 28 Jan 2035 | 02 Dec 2037 |
Mercury | 02 Dec 2037 | 19 Jun 2040 |
Ketu | 19 Jun 2040 | 07 Jul 2041 |
Venus | 07 Jul 2041 | 05 Jul 2044 |
Sun | 05 Jul 2044 | 29 May 2045 |
Moon | 29 May 2045 | 27 Nov 2046 |
Mars | 27 Nov 2046 | 15 Dec 2047 |
Jupiter (16y) Age 53
- Antar
- Begining
- Ending
Jupiter | 15 Dec 2047 | 31 Jan 2050 |
Saturn | 31 Jan 2050 | 12 Aug 2052 |
Mercury | 12 Aug 2052 | 17 Nov 2054 |
Ketu | 17 Nov 2054 | 24 Oct 2055 |
Venus | 24 Oct 2055 | 22 Jun 2058 |
Sun | 22 Jun 2058 | 10 Apr 2059 |
Moon | 10 Apr 2059 | 08 Aug 2060 |
Mars | 08 Aug 2060 | 15 Jul 2061 |
Rahu | 15 Jul 2061 | 07 Dec 2063 |
Saturn (19y) Age 69
- Antar
- Begining
- Ending
Saturn | 07 Dec 2063 | 08 Dec 2066 |
Mercury | 08 Dec 2066 | 15 Aug 2069 |
Ketu | 15 Aug 2069 | 23 Sep 2070 |
Venus | 23 Sep 2070 | 21 Nov 2073 |
Sun | 21 Nov 2073 | 03 Nov 2074 |
Moon | 03 Nov 2074 | 03 Jun 2076 |
Mars | 03 Jun 2076 | 12 Jul 2077 |
Rahu | 12 Jul 2077 | 16 May 2080 |
Jupiter | 16 May 2080 | 26 Nov 2082 |
Mercury (17y) Age 88
- Antar
- Begining
- Ending
Mercury | 26 Nov 2082 | 22 Apr 2085 |
Ketu | 22 Apr 2085 | 19 Apr 2086 |
Venus | 19 Apr 2086 | 15 Feb 2089 |
Sun | 15 Feb 2089 | 22 Dec 2089 |
Moon | 22 Dec 2089 | 23 May 2091 |
Mars | 23 May 2091 | 19 May 2092 |
Rahu | 19 May 2092 | 05 Dec 2094 |
Jupiter | 05 Dec 2094 | 11 Mar 2097 |
Saturn | 11 Mar 2097 | 17 Nov 2099 |
Ketu (7y) Age 105
- Antar
- Begining
- Ending
Ketu | 17 Nov 2099 | 15 Apr 2100 |
Venus | 15 Apr 2100 | 15 Jun 2101 |
Sun | 15 Jun 2101 | 21 Oct 2101 |
Moon | 21 Oct 2101 | 22 May 2102 |
Mars | 22 May 2102 | 18 Oct 2102 |
Rahu | 18 Oct 2102 | 05 Nov 2103 |
Jupiter | 05 Nov 2103 | 11 Oct 2104 |
Saturn | 11 Oct 2104 | 19 Nov 2105 |
Mercury | 19 Nov 2105 | 16 Nov 2106 |